पार्षदों के दबाव में निगम सदन पर ब्रेक, बैठक अचानक हुई स्थगित
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उत्तर प्रदेश कानपुर। नगर निगम के बढ़े और मनमाने गृहकर को लेकर खड़े हुए विवाद ने गुरुवार को होने वाली सदन बैठक को भी ठप कर दिया। देर रात महापौर प्रमिला पांडेय की ओर से पार्षदों के व्हाट्सऐप ग्रुप में संदेश डाला गया कि “अपरिहार्य कारणों” से सदन स्थगित कर दिया गया है। कई पार्षदों को इसकी जानकारी सुबह उठने के बाद हुई, जिससे वे भौंचक्क रह गए। पार्षदों का आरोप है कि गृहकर पर चर्चा से बचने के लिए प्रशासन ने बैठक रद्द की है। उनका कहना है कि अधिकारियों द्वारा खुद लगाए गए बिलों की खामियों पर सवाल उठने लगे हैं, जिसका जवाब देने से वे कतरा रहे हैं। यही वजह है कि सदन को अचानक अंतिम आदेशों तक स्थगित किया गया। मंगलवार को हुई पिछली बैठक में पक्ष और विपक्ष के पार्षद एकजुट होकर गृहकर वृद्धि के खिलाफ मोर्चा खोल चुके थे। बैठक के दौरान महापौर की तबीयत बिगड़ने पर सदन स्थगित किया गया था और गुरुवार को पुनः बुलाया गया था। लेकिन अचानक स्थगन से नाराज पार्षदों ने इसे जनता के हितों से खिलवाड़ बताया है। पार्षद हाजी सुहैल अहमद, लियाकत अली, नुरेन अहमद, सैय्यद अनवर अली, मोहम्मद मेराज, मोहम्मद नौशाद, रशीद महमूद समेत कई पार्षदों ने कहा कि अचानक फैसला जनता को नुकसान पहुंचाने वाला है। विपक्षी पार्षदों की रणनीति तैयार गृहकर वृद्धि के विरोध में विपक्षी दलों के पार्षदों ने बैठक कर आगे की रणनीति भी बना ली है। सपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम के पार्षद इसमें शामिल हुए। कांग्रेस पार्षद दल के नेता सुहैल अहमद, सपा नेता जावेद अख्तर गुड्डू, रेनू अर्पित यादव, रजत बाजपेई, मो. सरिया, शिब्बू अंसारी, फैजान रहमान, फ़कर इकबाल और उमर मंसूरी ने स्पष्ट किया कि किसी भी हाल में जनता पर जबरन बढ़ा गृहकर लागू नहीं होने दिया जाएगा।
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