डिप्टी रेंजर ढेलन सिंह यादव 5,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई

डिप्टी रेंजर ढेलन सिंह यादव 5,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई

Today crime news 

मध्य प्रदेश जबलपुर। 25 सितंबर 2025, जबलपुर जिले में लोकायुक्त संगठन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पाटन वन परिक्षेत्र में पदस्थ डिप्टी रेंजर ढेलन सिंह यादव (59 वर्ष) को ₹5,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई एक स्थानीय कारपेंटर की शिकायत के आधार पर की गई, जो पिछले कई महीनों से अधिकारी द्वारा कथित तौर पर मासिक रिश्वत देने के लिए मजबूर किया जा रहा था।

क्या है पूरा मामला

शिकायतकर्ता शकील (38 वर्ष), निवासी कटरा मोहल्ला, तहसील पाटन, ने लोकायुक्त कार्यालय को सूचित किया था कि डिप्टी रेंजर यादव उनसे लकड़ी का काम करने और परिवहन की अनुमति देने के एवज में ₹5,000 प्रति माह की अवैध मांग कर रहे हैं। शिकायत के अनुसार, अधिकारी ने धमकी दी थी कि “बिना पैसे दिए काम नहीं चलेगा, वरना चेकिंग में फंस जाओगे।”

व्यवसायिक बाधाओं और परिवारिक ज़िम्मेदारियों के चलते शकील ने रिश्वत देने के अलावा कोई विकल्प न देख, अंततः लोकायुक्त से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के सत्यापन के बाद लोकायुक्त ने ट्रैप योजना बनाई।

ट्रैप कार्रवाई की पूरी कहानी

गुरुवार, 25 सितंबर को दोपहर लगभग 2 बजे, लोकायुक्त की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से ट्रैप कार्रवाई को अंजाम दिया। शकील को रासायनिक युक्त ₹5,000 की नोट राशि देकर आरोपी के शासकीय आवास भेजा गया। जैसे ही आरोपी ने रकम ली, ट्रैप दल मौके पर पहुंच गया। जांच में आरोपी के हाथों पर रसायन के निशान मिले, जो रिश्वत लेने का पुख्ता सबूत साबित हुआ।

कार्रवाई का नेतृत्व निरीक्षक राहुल गजभिये ने किया, जिसमें निरीक्षक रेखा प्रजापति, निरीक्षक जितेंद्र यादव सहित अन्य अधिकारी शामिल रहे। टीम ने घटनास्थल से रिश्वत की राशि बरामद कर आरोपी को हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान ढेलन सिंह यादव ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।

कानूनी प्रावधान और अगली कार्यवाही

आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (2018 संशोधन) की धारा 7, 13(1)(B) और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन धाराओं के अंतर्गत दोष सिद्ध होने पर 3 से 7 वर्ष तक की सजा और आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है। लोकायुक्त संगठन अब आरोपी की संपत्तियों, बैंक खातों एवं पूर्व की शिकायतों की भी जांच करेगा।

वन विभाग में भ्रष्टाचार पर फिर उठे सवाल

यह मामला एक बार फिर वन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और छोटे व्यापारियों के शोषण की ओर इशारा करता है। क्षेत्रीय व्यवसायियों के अनुसार, पाटन जैसे वन क्षेत्रों में काम करने वाले कारीगरों को अक्सर वन अधिकारियों की मनमानी का सामना करना पड़ता है।

एक स्थानीय अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "ढेलन सिंह यादव को सख्त अधिकारी माना जाता था, लेकिन उनके खिलाफ पूर्व में भी अनियमितताओं की मौखिक शिकायतें आती रही हैं।"

लोकायुक्त की सक्रियता से बढ़ा विश्वास

इस वर्ष जबलपुर लोकायुक्त इकाई द्वारा 15 से अधिक ट्रैप कार्रवाइयां की गई हैं, जिनमें राजस्व, शिक्षा और वन विभाग के अधिकारी शामिल हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि हर स्तर के भ्रष्टाचार को खत्म किया जाए, चाहे वह छोटी रिश्वत हो या बड़े घोटाले।”

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