त्योहार से पहले घंटाघर से सुतरखाना मार्ग दलदल बना
नगर निगम की लापरवाही से संकट में रोशनी का पर्व, श्रद्धालु हादसे की आशंका से सहमे
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उत्तर प्रदेश कानपुर। पैगम्बर हज़रत मोहम्मद साहब के यौमे पैदाइश पर हर साल कानपुर में जश्ने ईद मिलादुन्नबी धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर मस्जिदों और ऐतिहासिक इमारतों को रोशनी से सजाया जाता है। घंटाघर चौराहे पर बनने वाला भव्य गेट और घंटाघर से सुतरखाना तिराहे तक की लाइटिंग व सजावट को देखने के लिए शहर भर से हजारों लोग पहुंचते हैं। लेकिन इस बार नगर निगम की लापरवाही ने त्योहार की तैयारियों पर संकट खड़ा कर दिया है। घंटाघर चौराहे से लेकर सुतरखाना तिराहे तक जाने वाली मुख्य सड़क पूरी तरह बदहाल है। हाल यह है कि सड़क पर गड्ढे नहीं हैं, बल्कि गड्ढों के बीच कहीं-कहीं सड़क बची है। बारिश का पानी जगह-जगह भरा हुआ है, जिससे आने-जाने में लोगों को भारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। ध्यान देने योग्य है कि दूसरे दिन इसी मार्ग से जुलूस का एक छोटा टुकड़ा गुजरता है, जो परेड चौराहे से उठने वाले एशिया के सबसे बड़े जुलूस—जुलूसे मोहम्मदी में शामिल होता है। ऐसे में यदि प्रशासन ने तत्काल सुधार नहीं किया तो हजारों श्रद्धालुओं की जान पर खतरा मंडरा सकता है।इस बीच नगर निगम के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मरम्मत कार्य जल्द शुरू कराया जाएगा। अधिकारी ने कहा, “बारिश के चलते कई जगह सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। त्योहार से पहले घंटाघर से सुतरखाना तिराहे तक के मार्ग की स्थिति सुधारने के लिए टीम भेजी जा रही है। लोगों का आरोप है कि नगर निगम की उदासीनता और लापरवाही से कहीं रोशनी का पर्व अव्यवस्था की भेंट न चढ़ जाए।
घंटाघर से सुतरखाना मार्ग पर भरे गड्ढे और पानी में धंसते वाहन।
सजावट देखने आए लोगों के बीच टूटी सड़क से निकलते राहगीर।
स्थानीय निवासी सावेज अलम ने कहा, “हर साल लोग दूर-दूर से सजावट और जुलूस देखने आते हैं। लेकिन इस बार सड़क की हालत देखकर डर लग रहा है कि भीड़ कैसे निकलेगी। कहीं कोई हादसा न हो जाए।”
इसी तरह दुकानदार इरशाद खान ने बताया, “बरसात के पानी से पूरी सड़क तालाब जैसी हो गई है। गड्ढों में वाहन फंस रहे हैं। त्योहार पर चहल-पहल होनी चाहिए, लेकिन बदइंतजामी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
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