शीत लहर से गौवंश की सुरक्षा के लिए नगर निगम की व्यापक व्यवस्था
काउ कोट, तिरपाल व अलाव से गौशालाओं में सुरक्षित किए गए निराश्रित गौवंश
Today crime news
उत्तर प्रदेश कानपुर। शीत लहर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए नगर निगम कानपुर द्वारा गौशालाओं में संरक्षित निराश्रित गौवंश के बचाव हेतु व्यापक इंतजाम किए गए हैं। नगर आयुक्त के निर्देशानुसार नगर निगम द्वारा संचालित कान्हा गौशाला किशनपुर, नंदीशाला पनकी, गौशाला जाजमऊ एवं गौशाला बकरमंडी में गौवंश को ठंड से सुरक्षित रखने के लिए विशेष व्यवस्थाएं लागू की गई हैं। गौशालाओं के सभी शेडों को तिरपाल से ढका गया है। साथ ही नवाचार के तहत गौवंश के लिए काउ कोट की व्यवस्था की गई है। दिन व रात्रि दोनों समय गौशालाओं में विभिन्न स्थानों पर अलाव जलाए जा रहे हैं, जिससे विशेष रूप से रात के समय गौवंश को ठंड से बचाया जा सके। अलाव में लकड़ी के साथ-साथ गोबर से निर्मित गौ-काष्ठ का भी उपयोग किया जा रहा है। गौशालाओं में संरक्षित गौवंश से प्रतिदिन प्राप्त होने वाले गोबर से गौ-काष्ठ, गौमय दीपक, उपले, गौमय मूर्तियां, कम्पोस्ट व वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। कान्हा गौशाला किशनपुर में गौवंश के बच्चों के लिए 100 क्षमता वाला अलग काफ शेड निर्मित किया गया है, जहां उन्हें अलग से पोषक आहार, स्वच्छ पेयजल एवं अलाव की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। गौशालाओं में पहले से ही पर्याप्त शेड, चरही, पानी की नांद एवं अन्य आधारभूत सुविधाएं मौजूद हैं। भूसा गोदामों में पर्याप्त भूसा व चोकर का भंडारण किया गया है, जिससे प्रतिदिन गौवंश को पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही प्रतिदिन ताजा हरा चारा भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
किशनपुर स्थित कान्हा गौशाला को उच्च स्तरीय प्रबंधन, स्वच्छ पेयजल व्यवस्था, बीमार गौवंश की चिकित्सा सहित समुचित व्यवस्थाओं के लिए आईएसओ प्रमाणपत्र भी प्रदान किया गया है। गौशालाओं में वृद्ध, बीमार एवं अशक्त गौवंश की देखरेख हेतु पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिकान्त (पशुपालन विभाग) एवं डॉ. प्रदीप दीक्षित की तैनाती की गई है। उपचार के लिए पर्याप्त औषधियों की व्यवस्था के साथ प्रतिदिन गौवंश का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। पूर्व में उप मुख्यमंत्री, पशुधन मंत्री, जनपद के प्रभारी मंत्री एवं अन्य उच्च अधिकारियों द्वारा समय-समय पर गौशालाओं का निरीक्षण किया जा चुका है, जिन्होंने गौशालाओं के प्रबंधन एवं व्यवस्थाओं की सराहना की है।




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