नगर निगम सदन में सियासी संग्राम, भाजपा पार्षद आमने-सामने, हंगामे में बैठक समाप्त
अध्यक्षता महोदय मेरी भी बात सुने, प्रस्ताव के बीच में कोई बोला मुझसे बुरा कोई नहीं होगा, महापौर
निर्दलीय पार्षद जनता ने चुना है, अब भाजपा में हु निष्कासित करा दे
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उत्तर प्रदेश कानपुर। नगर निगम सदन की शुक्रवार को हुई बैठक सियासी तनाव और तीखे आरोप-प्रत्यारोप के बीच हंगामे की भेंट चढ़ गई। सदन में बोलने को लेकर भाजपा के पार्षदों के बीच टकराव इतना बढ़ गया कि कार्यवाही बार-बार बाधित होती रही और अंततः महापौर को राष्ट्रगान के साथ सदन की समाप्ति की घोषणा करनी पड़ी। ग्वालटोली वार्ड के पार्षद अंकित मौर्य और अशोक नगर के पार्षद पवन गुप्ता ने सदन में अपनी बात रखने का अवसर न मिलने का आरोप लगाते हुए कड़ा विरोध जताया। इस दौरान पवन गुप्ता हाथों में पोस्टर लेकर विरोध दर्ज कराते रहे। अन्य पार्षदों ने स्थिति संभालने का प्रयास किया, लेकिन शोर-शराबा थम नहीं सका। स्थिति बिगड़ती देख महापौर ने आनंद-खनन सभागार में राष्ट्रगान के साथ बैठक समाप्त कर दी। हैरानी की बात यह रही कि राष्ट्रगान के दौरान भी कुछ पार्षद हंगामा करते नजर आए, जिससे सदन की गरिमा पर सवाल खड़े हो गए।
भेदभाव और फाइलें गायब होने के गंभीर आरोप
हंगामा कर रहे पार्षदों, अंकित मौर्य, पवन गुप्ता, विकास जायसवाल, लक्ष्मी कोरी और आलोक पांडे—ने आरोप लगाया कि सदन में भाजपा पार्षदों के साथ योजनाबद्ध तरीके से भेदभाव किया जा रहा है। पार्षद अंकित मौर्य ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से उन्हें 15वें वित्त आयोग से जुड़े कोई कार्य नहीं दिए गए हैं। साथ ही पार्षद निधि से संबंधित कार्यों की फाइलें नगर निगम कार्यालय से गायब होने के गंभीर आरोप भी लगाए गए।
पार्टी स्तर पर पहुंचा मामला
भाजपा पार्षद दल के नेता नवीन पंडित ने अपने ही दल के कुछ पार्षदों के खिलाफ अभद्रता के आरोप लगाते हुए भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल से शिकायत की है। वहीं महापौर ने स्पष्ट किया कि इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी मुख्यमंत्री तक भी पहुंचाई जाएगी।
शर्तों के साथ होगा नामांतरण, अब ली जाएगी आपत्ति
कानपुर। नगर निगम सदन की बैठक में संपत्ति नामांतरण को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया। अब नामांतरण शर्तों के साथ किया जाएगा और प्रक्रिया के तहत आपत्तियां भी आमंत्रित की जाएंगी। सदन में मंगल भवन से जुड़े शुल्क प्रस्ताव पर चर्चा के साथ ही सांसद द्वारा उठाए गए प्रश्नों के जवाब भी दिए गए।
बैठक में कुल 10 प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 9 प्रस्तावों को सदन की स्वीकृति मिल गई। वहीं सीयूजीएल (CUGL) को जमीन लीज पर दिए जाने से जुड़े प्रस्ताव को लेकर सदन में सवाल उठे, जिसके बाद महापौर ने मामले की जांच कराने के आदेश दिए।


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