रहस्यमय कीड़े के हमले से गांव में दहशत, शाम ढलते ही घरों से बाहर निकलना हुआ बंद

रहस्यमय कीड़े के हमले से गांव में दहशत, शाम ढलते ही घरों से बाहर निकलना हुआ बंद 

Today crime news 

उत्तर प्रदेश अलीगढ़। मंडराक थाना क्षेत्र के भकरौला गांव में एक रहस्यमय कीड़े के काटने से दहशत का माहौल है। अब तक 15 से अधिक ग्रामीण इसके शिकार बन चुके हैं। कीड़े की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। बताया जा रहा है कि यह कीड़ा लोगों को काटने के बाद शरीर पर लाल और नीले निशान छोड़ता है। इन निशानों के साथ तेज जलन और सूजन की शिकायत भी सामने आई है। लोगों में डर इस कदर है कि शाम ढलते ही गांव सुनसान हो जाता है। गांव की 45 वर्षीय महिला मीरा देवी की मौत भी इसी कीड़े के काटने के बाद हो गई थी। परिजनों ने उन्हें दो निजी अस्पतालों में दिखाया, लेकिन डॉक्टर सांप या विषैले जीव के काटने की बात से इंकार करते रहे।

संदिग्ध कीड़े से बिगड़ी महिला की हालत

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मीरा देवी को जैसे ही कीड़े ने काटा, उनकी तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी। परिवार ने उन्हें आगरा रोड स्थित दो नर्सिंग होम में भर्ती कराया, लेकिन कोई स्पष्ट निदान नहीं मिल पाया। इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे गांव में अफरा-तफरी का माहौल है। लोग घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं। खासकर महिलाएं और बच्चे खेतों या खुले स्थानों पर जाने से कतरा रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।

रविवार को फिर तीन नए मामले

रविवार को गांव में रहस्यमय कीड़े के तीन और मामले सामने आए। इनमें एक किशोरी भी शामिल है, जिसे काटे जाने के बाद तुरंत अस्पताल ले जाया गया। तीनों का इलाज जिला अस्पताल और निजी सेंटर में जारी है।

अब तक कुल 15 से 20 लोग इस कीड़े का शिकार बन चुके हैं। इन सभी में एक जैसी लक्षण दिखाई दिए हैं। कहा जा रहा है कि कीड़े की काटने की जगह पर रंग बदलना, सूजन और जलन आदि होने लग रही है।

स्वास्थ्य विभाग ने बढ़ाई सक्रियता

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीरज त्यागी ने बताया कि यह संभवतः एक बरसाती कीड़ा है, जो बरसात के मौसम में सक्रिय होता है। हालांकि, अभी तक इसकी पहचान नहीं हो सकी है, लेकिन मेडिकल टीमें निगरानी कर रही हैं। डॉ. त्यागी ने बताया कि एक मरीज की हालत गंभीर है, जिसे जेएन मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती किया गया है। बाकी मरीजों को जिला अस्पताल में इलाज दिया जा रहा है। इधर विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

कीड़े की पहचान के लिए वन विभाग की टीम भी गांव पहुंची। क्षेत्रीय वन अधिकारी गौरव सिंह के अनुसार यह कोई उड़ने वाला कीड़ा हो सकता है, जो बरसात के मौसम में सक्रिय होता है और तेज रसायन छोड़ता है।अब तक किसी भी पीड़ित ने कीड़े को सीधे तौर पर नहीं देखा है। जिससे उसकी पहचान करना और अधिक मुश्किल हो गया है। अधिकारी स्थानीय लोगों से बातचीत कर मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कीटनाशक छिड़काव और अन्य उपायों के बावजूद कीड़े का असर कम नहीं हो रहा। फिलहाल, कीड़े को लेकर अब आसपास के कई गांवों के लोग दहशत में हैं।


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