कलेक्टर गंज के अग्निकांड में कैमिकल गोदाम का कर्मचारी जिंदा जला मिला कंकाल , अन्य के उपचार जारी

कलेक्टर गंज के अग्निकांड में कैमिकल गोदाम का कर्मचारी जिंदा जला मिला कंकाल , अन्य के उपचार जारी

आग लगने की वजह स्पष्ट नहीं है: शॉर्ट सर्किट या अवैध रूप से संचालित कैमिकल गोदाम, ई-रिक्शा चार्जिंग प्वाइंट



(Today crime news)

उत्तर प्रदेश कानपुर। कलेक्टरगंज क्षेत्र की घनी आबादी और व्यावसायिक गतिविधियों से भरपूर गल्ला मंडी मंगलवार दोपहर उस वक्त दहशत का माहौल बन गया जब अचानक भीषण आग लग गई। इस हृदयविदारक अग्निकांड में 100 से अधिक दुकानों के जलने की सूचना है, जिससे करोड़ों रुपये के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। घटना के बाद दमकल विभाग की सैकड़ों गाड़ियाँ मौके पर पहुंचीं और कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। लेकिन इस भीषण हादसे में पुलिस प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है। आग बुझने और राहत एवं बचाव कार्य समाप्त होने के बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई खत्म कर दी थी, जबकि एक व्यक्ति की मौत की जानकारी उन्हें नहीं थी। घटना के अगले दिन, जब लोगों ने राख के ढेर और धुएं से भरे क्षेत्र की सफाई शुरू की, तब कैमिकल गोदाम के पास से एक कंकाल मिलने की सूचना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। कंकाल कैमिकल गोदाम के कर्मी का है। पत्नी ने कंकाल के पास जले कपड़े देखकर पहचान की है। कंकाल की पहचान मृतक गया प्रसाद विश्वकर्मा (उम्र लगभग 60 वर्ष) के रूप में हुई है, जो उन्नाव जिले के शुक्लागंज के रहने वाले थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्हें तिवारी उपनाम से भी जाना जाता था। उनका एक बेटा और पत्नी है, परिवार अभी इस दुखद घटना से गहरे सदमे में है। इस हादसे ने न केवल व्यापारियों की आजीविका पर गहरी चोट पहुंचाई है, बल्कि प्रशासनिक चूक को भी उजागर किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर राहत कार्यों के दौरान पूरी तरह से तलाशी ली जाती, तो शायद शव कल ही मिल सकता था। व्यापारियों और स्थानीय निवासियों ने सरकार से मुआवजे और सख्त जांच की मांग की है, ताकि इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में न हों। वहीं अग्निकांड में पीएसी रोड शहदुल्लाहपुर निवासी बांटी भी इस अग्निकांड में गंभीर रूप से झुलस गए, इलाज जारी है और 5 लोगों का इलाज चल रहा है। वहीं, प्रशासन की ओर से जांच के आदेश दिए गए हैं और यह देखा जा रहा है कि आग लगने का कारण क्या था — शॉर्ट सर्किट, या अवैध रूप से संचालित कैमिकल गोदाम में ज्वलनशील सामग्री, या अवैध रूप से संचालित ई-रिक्शा चार्जिंग है, या कोई और वजह। यह घटना एक बार फिर आग से सुरक्षा के मानकों और आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े करती है।

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