पंचायत सचिव ने लूटा सरकारी खजाना, 53 लाख रुपए का घोटाला, मुकदमा दर्ज
उत्तर प्रदेश बलिया। जिले में एक बड़ा वित्तीय घोटाला उजागर हुआ है। मुरली छपरा ब्लॉक के कोधरा नोबरार ग्राम पंचायत में ₹53 लाख की अनियमितता सामने आई। जांच में गड़बड़ी पाए जाने के बाद पंचायत सचिव को तुरंत निलंबित कर दिया गया। जांच में पता चला कि ग्राम पंचायत में कई निर्माण कार्य बिना पूरे किए ही सरकारी धन निकाल लिया गया। इस मामले में पंचायत सचिव देवानंद गिरी को मुख्य आरोपी माना गया। जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई का फैसला लिया है। यह मामला तब सामने आया जब गांव के रहने वाले राम किशोर नामक एक शख्स ने शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने पंचायत सचिव और प्रधान पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया। शिकायत के बाद प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लते हुए जांच शुरू की।
जांच में खुला घोटाले का राज
मामले की जांच के लिए मुरली छपरा के खंड विकास अधिकारी और लघु सिंचाई विभाग के एक जूनियर इंजीनियर को नियुक्त किया गया। जांच में पाया गया कि कई प्रोजेक्ट्स में भारी अनियमितता हुई। रिपोर्ट के आधार पर मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज ने तत्काल कार्रवाई की। पंचायत सचिव देवानंद गिरी को निलंबित कर दिया गया। साथ ही, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
FIR और सख्त कार्रवाई की तैयारी
जिला प्रशासन ने देवानंद गिरी के खिलाफ FIR दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। CDO ओजस्वी राज ने कहा कि इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। ग्राम प्रधान पर भी कार्रवाई की तैयारी है।
जिला पंचायत राज अधिकारी श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि जांच में ₹53 लाख की हेराफेरी पकड़ी गई। पंचायती राज अधिनियम के तहत ग्राम प्रधान के खिलाफ भी कदम उठाए जाएंगे।
प्रशासन ने साफ किया कि इस घोटाले में शामिल अन्य लोगों की जांच होगी। अगर किसी और की संलिप्तता पाई गई तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे ऐसे मामलों की जानकारी तुरंत दें। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई गई है।
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