स्टाम्प की कालाबाजारी में डूबा शहर, दस वाला 30 से 40 रुपए का

स्टाम्प की कालाबाजारी में डूबा शहर, दस वाला 30 से 40 रुपए का 

उत्तर प्रदेश कानपुर। भौतिक स्टाम्प की छपाई रूकने के बाद रजिस्ट्री ऑफिस में काम करने वाले वेंडरों के पास पुराना स्टाॅक है। यह स्टॉक अब धीरे-धीरे बाजार में लाया जा रहा है। कीमतें भी वेंडर अपने मनमुताबिक लगा रहे हैं। हर स्टाम्प पर 10 वाला 30 से 40 रुपए बेचा जा रहा है, 100 वाला स्टॉप 150 से 200 रुपये तक बेच रहे हैं। लोगों को पता है कि ई स्टाम्प का विकल्प खुला हुआ है। लेकिन ई-स्टाम्प लोगों को नहीं दिए जा रहे। रजिस्ट्री ऑफिस के अधिकारी ई स्टाम्प खरीदने के लिए लोगों से अपील भी कर रहे हैं। ताकि उन्हें छोटे स्टाम्प की डेढ़ से दो गुनी कीमत न अदा करनी पड़े। वेंडरों के मुनाफे के खेल में लोग फंस रहे हैं। दरअसल, जिले में करीब 21 ज्यादा ई स्टाम्प वेंडरों को लाइसेंस जारी किया जा चुका है। लेकिन सदर रजिस्ट्री कार्यालय में सिर्फ एक ही ई स्टाम्प वेंडर बिक्री कर रहा है। यहां ई स्टाम्प वेंडरों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। वही स्टाम्प की कालाबाजारी की जानकारी मिलने पर चेतना संवाददाता ने इसकी खोज बिन की तो यह जानकारी सही मिली है, मोतीझील स्थित विकाश प्राधिकरण के बाहर स्टाम्प की वेंडरों बिक्री करने वाले से बात करी तो 10 रुपए वाला 30 से 40 रुपए बेचा जा रहा है। बिक्री करने वाले का कहना है कि स्टाम्प हमे पीछे से ही नहीं मिल रहा है, जो मिल भी रहा है, 10 वाला हमे 9 रुपए का मिलता है वह हमे 18 से 20 रुपए का मिल रहा है। हमे भी मजबूरन 30, से 40 या 50 का बेचना पढ़ रहा है। नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पूरे शहर में इसी तरह बेचा जा रहा है, चाहे कचहरी हो या केडीए या आरटीओ हो हर जगह इसी तरह बेचा जा रहा है।

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