घटना वारदातों का शहर, होटल बने अय्याशियों के अड्डे
उत्तर प्रदेश कानपुर। शहर कानपुर उद्योग नगरी कहे जाने वाला अब बना सबसे बड़ा अय्याशियों का शहर अनगिनत होटल न कोई पर्यटन कैसे कहा जाए यह बाहरी लोग रुकते होंगे। आए दिन अय्याशियों की खबर भी मिलती रहती हैं। कई बार पुलिस ने होटलों में छापेमार के अय्याशियों की पुष्टि भी की है। कई जोड़े कई लड़कियों व महिलाओ का भी देहव्यापार में पकड़ी गई है। हम बात कर रहे हैं। हरबंस मोहाल, कलेक्टर गंज, फीलखाना क्षेत्रों की अय्याशियों का अड्डा बना हुआ है। आप जोड़े से आइए रुम बुक कर अय्याशियों का आनंद ले सकते हैं। कुछ घंटों के आनंद के लिए आपको 500, से लेकर 2000 तक रुम बुक कर सकते हैं। आप की पहचान लोकल आईडी से हो या अन्य जिले की, बस आप और आपकी दोस्त कि उम्र बालिग होनी चाहिए। इन क्षेत्रों में कुछ होटल तो रेलवे की जमीन पर, और कुछ होटलों को विकास प्राधिकरण ने सालों से अवैध कर ध्वस्तीकरण के आदेश भी दे रखें है। मगर कार्रवाई शून्य है। खास बात यह है कि इन होटलों के स्वयं मालिक होटल संचालित नहीं करते हैं। आवासीय क्षेत्र में बने घरों को होटलों में तब्दील किया गया है। फिर लाखों रुपए माह में रेंट पर सालों का लिखा पड़ी पर दिया गया है। अब बात करें लाखों रुपए माह पर होटल संचालक होटल मालिक को देगा कैसे क्या इतनी आय इनकम है, लाखों रुपए पर रेंट पर लेने के बाद भी होटल संचालक अपना परिवार, और स्टॉफ की सैलरी, होटल मैनेजमेंट खर्चे निकाल सकता है। यह बात सोचने वाली है। प्रति दिन होटलों की आय 10 हजार या इससे अधिक है। न कोई पर्यटन स्थल है फिर भी इतने अधिक होटल संचालित होते हैं। कपल के भरोसे ही संचालित हो रहे हैं। अक्सर वारदात घटना इन्हीं होटलों में होती रहती हैं। अक्सर होटलों के रुम में लड़की, लड़कों की सुसाइड भी कर लेते हैं। बीती शनिवार को फीलखाना थाने क्षेत्र में बने होटल गगन सागर में शहर की लोकल आईडी पर गुजैनी रहने वाला प्रियांशु त्रिपाठी ने अपनी प्रेमिका प्रिंसिका सिंह का गला रेत कर मौत के घाट उतार दिया।
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