ट्रेनों में स्लीपर-एसी में भी जनरल जैसी भीड़, शौचालय में बैठने की मजबूरी!

ट्रेनों में स्लीपर-एसी में भी जनरल जैसी भीड़, शौचालय में बैठने की मजबूरी! 

नाबालिंग प्लेटफार्म पर बेच रहे हैं पान मसाला सिगरेट 


उत्तर प्रदेश कानपुर। रेलवे जोन मुख्यालय से उत्तर से दक्षिण, पश्चिम और पूर्व को जोड़ने वाली दो सौ से अधिक यात्री गाड़ियों का संचालन होता है। रेलवे ने इंजन से लेकर कोच तक बहुत से बदलाव किए हैं। अब हाईस्पीड ट्रेन चलाने की तैयारी भी कि है। लेकिन, आम यात्री के लिए अब भी रेल में सफर करना सजा से कम नहीं है। आलम यह है कि ट्रेन के टॉयलेट के सामने और अंदर कई घंटे बैठकर यात्रा करना मुसाफिरों की मजबूरी है।


मंगलवार को रेल यात्रा का जायजा लेने निकली चेतना टीम ने जो दृश्य देखे, जो किसी यातना से कम नहीं नजर आए। गोरखपुर जंक्शन से पनवेल (नवी मुंबई) तक चलने वाली 15065 पनवेल एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर और जनरल कोच की स्थिति एक जैसी थी। क्षमता से अधिक जनरल कोच की सीट पर छह सात से आठ लोग बैठे थे। ऐसा ही आलम स्लीपर की सीटों पर भी था। कोच की गैलरी से लेकर दरवाजे और टॉयलेट तक यात्री खड़े और बैठे थे। भीड़ इतनी थी कि लोग स्लीपर कोच में भी ठसाठस भरे थे। इससे जिन यात्रियों के पास कंफर्म बर्थ थी वे भी परेशान थे। गोंडा जा रहे प्रेम कुमार ने बताया कि स्लीपर क्लास में भीड़ जुटती है कि रात में भी सोना मुश्किल होता है। वही ट्रेन के टॉयलेट रुम के अंदर बैठे थे। स्टेशन आते ही दोनों लड़के खड़े हो गए टॉयलेट की खिड़की से खाने की सामग्री समोसा खरीब खाने लगे।

वही एक दृश्य और भी देखने को मिला कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म 6 और 7 पर पनवेल एक्सप्रेस आते ही ट्रेन में तम्बाकू, गुटखा, सिगरेट से लेकर लाइटर आदि सामग्री बिक रही थी। ऐसे में स्टेशन पर लगे सैकड़ों सीसीटीवी मॉनिटरिंग सुरक्षा बल कर्मी पर भी सवाल खड़े करती है। नाबालिग लड़के और लड़कियां जो कि अवैध वेंडर है, धड़ल्ले से सामग्री बेच रहे थे। महिला कोच में भी पुरुषों का कब्जा था। इस दौरान एक भी रेल सुरक्षा कर्मी नजर नहीं आया। देखने वाला कोई नहीं था। ट्रेन से लेकर स्टेशन प्लेटफार्मों में लगातार नजर रखते हैं। अवैध वेंडरों और बेटिकट यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी।

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