क्या पप्पू यादव लड़ेंगे बिहार चुनाव? बड़ा खुलासा
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बिहार। राजनीति में हमेशा से अपनी अलग पहचान और बेबाक अंदाज के लिए मशहूर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने एक बार फिर सियासी हलकों में चर्चा छेड़ दी है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जब उनसे पूछा गया कि क्या वह चुनाव लड़ेंगे, तो उन्होंने बेहद आत्मविश्वास से कहा- ''मैं वही करूंगा जो कांग्रेस नेतृत्व चाहेगा। मेरे पास पूरी दुनिया में जनसमर्थन है, मुझे किसी के समर्थन की जरूरत नहीं। पप्पू यादव का यह बयान कई राजनीतिक संकेत दे गया। एक ओर उन्होंने यह जताया कि वह कांग्रेस नेतृत्व के फैसले का सम्मान करते हैं, वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपनी लोकप्रियता और जनाधार पर गर्व भी जताया। यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में चुनावी गहमागहमी तेज हो रही है और सभी दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं।
महागठबंधन' मंच पर चढ़ने से रोके जाने पर क्या बोले पप्पू यादव?
न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में 9 जुलाई को महागठबंधन की ओर से मतदाता सूची पुनरीक्षण के विरोध में निकाले गए मार्च में ट्रक पर चढ़ने से रोके जाने पर पप्पू यादव ने नाराजगी जताई। पप्पू यादव ने कहा, ''मैं गिर गया और मुझे चोट आई। पूरी दुनिया पप्पू यादव के लिए दीवानी है, मैं किसी के लिए नहीं बना हूं।
अहंकारी 'युवराज' के साथ मंच साझा नहीं करूंगा। जब मेरे नेता राहुल गांधी मौजूद थे, तो पप्पू यादव की जरूरत ही नहीं थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर उन्होंने एक बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री पद का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने विनम्रता से उसे ठुकरा दिया।"
पप्पू यादव बोले- 'PM मोदी का '56 इंच का सीना नहीं, 5 इंच है'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए पप्पू यादव ने तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा, "जनता समझ चुकी है कि मोदी जी का सीना 56 इंच नहीं, सिर्फ 5 इंच है। पूरी दुनिया उनका मजाक उड़ा रही है। यूक्रेन ने भी दुनिया से नहीं डरा, ईरान ने राष्ट्र की आत्म-सम्मान के लिए चुनौतियां दीं,और हम लोग समझौते कर रहे हैं।"
मराठी भाषा विवाद पर चेतावनी
मराठी भाषा विवाद पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे को खुली चुनौती देते हुए पप्पू यादव बोले, "हम मुंबई में राज ठाकरे से भिड़ेंगे... बिहार में किसी भी मराठी संगठन को काम करने नहीं दिया जाएगा।" देश के विभाजन को लेकर उन्होंने कहा, "मोहम्मद अली जिन्ना को गाली देने से कुछ नहीं होगा। देश के बंटवारे के लिए सिर्फ जिन्ना ही जिम्मेदार नहीं थे।"
बिहार की राजनीति में 'अकेले' पप्पू की धमक
हालांकि पप्पू यादव लंबे समय से किसी बड़ी पार्टी में नहीं हैं, लेकिन वह निरंतर जनता से जुड़े मुद्दों पर मुखर रहते हैं। कभी कोरोना महामारी के दौरान एंबुलेंस से मरीजों की मदद करना हो या फिर महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी जैसे विषयों पर सरकार को घेरना-पप्पू यादव हमेशा एक्टिव रहते हैं। उनका दावा है कि वह किसी गठबंधन या पार्टी के मोहताज नहीं हैं। बिहार की जनता उन्हें जानती है और यह जनाधार ही उनकी असली ताकत है। बिहार चुनाव 2025 में पप्पू यादव क्या भूमिका निभाएंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इतना तय है कि वह सुर्खियों में रहेंगे। कांग्रेस में उनकी संभावित वापसी, राहुल गांधी के प्रति उनकी निष्ठा, और 'स्वतंत्र चेहरा' बने रहने की उनकी चाहत-ये सारी बातें उन्हें बिहार की राजनीति में एक अहम खिलाड़ी बनाए रखती हैं।
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