डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर विश्वविद्यालय आयोजित करेगा यह खास प्रतियोगिता

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर विश्वविद्यालय आयोजित करेगा यह खास प्रतियोगिता

उत्तर प्रदेश गोरखपुर। भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर की 134वीं जयंती (14 अप्रैल 2025) के उपलक्ष्य में कुलाधिपति की प्रेरणा से एक विशेष राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता का आयोजन दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं उससे संबंधित महाविद्यालयों में अध्ययनरत अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के मध्य किया जा रहा है।

प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों में संविधानिक मूल्यों, सामाजिक चेतना, और तकनीकी युग की समझ को बढ़ावा देना है। यह प्रतियोगिता चार चरणों में सम्पन्न होगी। प्रथम चरण महाविद्यालय स्तर पर 5 अप्रैल 2025 तक पूर्ण किया जाएगा। द्वितीय चरण 7 अप्रैल 2025 को प्रातः 11:00 बजे महायोगी गुरु श्री गोरखनाथ शोधपीठ, गोरखपुर में विश्वविद्यालय स्तर पर होगा। तृतीय चरण समूह स्तर पर चयनित प्रतिभागियों के मध्य आयोजित किया जाएगा। चतुर्थ एवं अंतिम चरण 14 अप्रैल 2025 को प्रातः 10:00 बजे राजभवन, लखनऊ में आयोजित किया जाएगा।

गोरखपुर विश्वविद्यालय को समूह-3 में सम्मिलित किया गया है, जिसमें दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय तथा डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय शामिल हैं।

इस समूह से चयनित प्रतिभागी 14 अप्रैल को प्रातः 10:00 बजे राजभवन में अंतिम चरण की प्रतियोगिता में भाग लेंगे। गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबंधित समस्त महाविद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि वे 5 अप्रैल 2025 तक प्रथम चरण की प्रतियोगिता पूर्ण कर लें और चयनित प्रतिभागी का विवरण नोडल अधिकारी डॉ. कुशल नाथ मिश्र (मो.: 9651834400) को उपलब्ध कराएं। प्रतिभागियों की यात्रा एवं आवास की व्यवस्था संबंधित विश्वविद्यालय/संस्थान द्वारा की जाएगी।

भाषण के लिए निर्धारित विषय:

1. विकसित भारत की संकल्पना

2. प्रदेश के भौगोलिक व सामाजिक आधार पर विद्यमान आर्थिक एवं सामाजिक दूरी पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव - लाभ, हानि व उपाय

3. नए प्रौद्योगिकी युग में भारत के संविधान में सुधार किस सीमा तक?

4. भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर, भारत का संविधान एवं अमृतकाल में विकसित भारत - सामंजस्य का मार्ग

कुलपति प्रो. पूनम टण्डन ने कहा कि भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर जी के विचार आज भी सामाजिक समानता, संविधानिक मूल्यों और आधुनिक भारत के निर्माण में मार्गदर्शक हैं। यह भाषण प्रतियोगिता छात्रों को अपने विचारों की अभिव्यक्ति का अवसर देने के साथ-साथ उन्हें संवैधानिक चेतना, सामाजिक न्याय एवं तकनीकी युग की चुनौतियों से संवाद स्थापित करने का मंच भी प्रदान करती है।

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