शहर में जलनिगम ने सड़कों को खुदा ही छोड़ दिया है, खुदी सड़कों और खुले नालों पर शासन की फटकार
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उत्तर प्रदेश कानपुर। शहर में खुदी सड़कें और खुले नालों, मेनहोल लोगों की जान ले रहे हैं। लगातार खबरें छपने के बाद भी अधिकारी कोई पुख्ता कदम नहीं उठा रहे। शासन स्तर तक भी रोजाना शिकायतें पहुंच रही हैं। इसपर मंगलवार को विशेष सचिव उदय भानु त्रिपाठी ने अधिकारियों को फटकार लगाई। खुदी सड़कों को बनाने और सफाई में खुले छोड़े गए नालों को ढ़कने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही जलनिगम से कहा है कि जहां कार्यों को किया जा रहा है, वहां बैरीकेडिंग के साथ ही कार्यस्थल पर अधिकारियों और ठेकेदारों के नंबरों को डिस्प्ले किया जाए। शहर में जलनिगम पेयजल लाइन डाल रहा है। वहीं सीएम ग्रिड की सड़कें बनाने के साथ ही केस्को की केबिल का कार्य होने की वजह से कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। बरसात होने के बाद यह सड़कें घातक बनी हुई हैं। जल निकासी की व्यवस्था न होने से भीषण जलभराव हो रहा है। इसके बीच बरसात में राहगीर फंस जा रहे हैं। खुले नाले और टूटी सड़कें को दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। इसको लेकर मंगलवार को विशेष सचिव ने पत्र भेजकर शहर के अधिकारियों से कहा कि नगरीय निकाय के सभी नालों को चिन्हित कर तुरंत साफ-सफाई पूरी करें ताकि जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो। नालियों पर सुरक्षा की दृष्टि से यह सुनिश्चित किया जाए कि जहाँ पर स्लैब टूटे हों या खुले हुए हो, वहाँ पर तत्काल सुरक्षात्मक उपाय किये जाएं। नालों की सिल्ट का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाए। किसी भी दशा में एकत्रित किये हुए कूड़े व सिल्ट को नाले के पास या सड़क पर न छोड़ा जाए। गड्ढों को भरने के साथ मलबे को सड़क से हटाए विशेष सचिव ने नगर निगम, जलनिगम व अन्य विभागों के अधिकारियों से कहा है कि सड़कों के गड्ढों को भरा जाए ताकि उसमें पानी एकत्र न हो सके। इसके साथ सड़क पर पड़ी मिट्टी व मलबे को तत्काल हटाया जाए, इससे दुर्घटना होने से बचाया जाए। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्र में सीवर लाईन, पेयजल पाइप लाइन की नियमित चेकिंग की जाए। यदि कहीं पर सीवर व पेयजल पाईप लाइन में ब्रेकेज,लीकेज हो तो उसे तत्काल सही किया जाए। कार्यस्थलों पर अधिकारियों और ठेकेदारों का लिखें नाम नगरीय निकायों में कराये जा रहे कार्यस्थलों पर अवर अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता के साथ ही ठेकेदार कार्य कराने वाली ऐजेंसी का नाम, पदनाम एवं मोबाइल नंबर आदि का विवरण अंकित करने के निर्देश शासन की ओर से दिए गए। जिससे आपात स्थिति में आम नागरिक संपर्क कर सके एवं समस्या को दूर करा सके।
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